विचार्रों का आदान प्रदान

शब्दों के चक्रव्यूह को समझना एक कवि के लिए कुछ इस तरह से जरूरी है, की हर कविता कुछ वादों, इरादों और शब्दों के सुर ताल के मिश्रण के बिना अधूरी है

आयें है महान कवि हमारे भारत देश में कई , और आयेंगे आगे भी अभी,मगर एक महान कवि बनने के लिए जो नाम कमा गए उनके पद चिन्हों पर चलना बेहद जरूरी है

कविता चाहे वीर रस हो या श्रृंगार रस, या फिर प्रेम रस, बस हर रस के लिए शब्द रस को समझना जरूरी है

है ये मेरी रचना आपसे कुछ विचार्रों के आदान प्रदान के लिए, जो की आपके शब्दों के आगमन के बिना अधूरी है

Friday, December 10, 2010

Poetry by Atal Bihari Vajpayee

सूरज की हर किरण

सूरज की हर किरण एक आशा होती है
हर नयी किरण से ही तो सबकी नयी सोच शुरू होती है
सपनो की हर झलक एक मंजिल होती है
हर नयी मंजिल से ही तो सबकी नयी उड़ान शुरू होती है
जरूरतों की हर दिशा एक चाह होती है
हर नयी चाह से ही तो अविष्कारों की प्रेरणा शुरू होती हैं
प्रेम की हर लय से सुख की बरसात होती है
हर सुख से ही तो ज़िन्दगी की नयी शुरुआत होती है

Sunday, December 5, 2010

जीवन की राह

जीवन  की  राह में कश्ती कुछ इस तरह से चलाना
की राह भी ठान ले, की है उसे राही को उसकी मंजिल तक पहुंचाना
सच की खोज में स्वयं को कुछ  इस तरह डुबोना
की झूठ भी समझ ले, की है उसे सच की चाह पर ही जाना
दुःख के सागर में तुम गोते कुछ इस तरह से लगाना
की सुख भी जान ले, की नहीं है तुम्हारे पास दुःख में जीने  का कोई बहाना
 

poetryhindi: Video page

poetryhindi: Video page: "है ये वो अमूल्य रचनाये, जो सिखाती है ज़िन्दगी के सच को, जो दिखाती है हमारी मंजिल को मैं तहे दिल से श्री अटल बिहारी वाजपेयी का आदर करती हूँ, ..."

Saturday, December 4, 2010

हिंदी भाषा के महान कवि और उनकी रचनाएं

http://www.cs.colostate.edu/~malaiya/hindipoets.html

http://en.wikipedia.org/wiki/List_of_Hindi_language_poets
http://www.manaskriti.com/kaavyaalaya/
http://hindipoetry.wordpress.com/

विचार्रों का आदान प्रदान

शब्दों के चक्रव्यूह  को समझना एक कवि  के लिए कुछ इस तरह से  जरूरी है
की  हर कविता कुछ वादों, इरादों और शब्दों के सुर ताल के मिश्रण के बिना अधूरी है
आयें है महान  कवि हमारे  भारत  देश में कई , और आयेंगे आगे भी अभी
मगर एक महान कवि  बनने  के लिए जो नाम कमा गए उनके पद  चिन्हों पर चलना बेहद जरूरी है
कविता चाहे वीर रस हो या श्रृंगार रस, या फिर प्रेम रस
बस हर रस के लिए शब्द रस को समझना जरूरी है

है ये मेरी रचना आपसे कुछ विचार्रों के आदान प्रदान  के लिए
जो की आपके शब्दों  के आगमन के  बिना अधूरी है