विचार्रों का आदान प्रदान

शब्दों के चक्रव्यूह को समझना एक कवि के लिए कुछ इस तरह से जरूरी है, की हर कविता कुछ वादों, इरादों और शब्दों के सुर ताल के मिश्रण के बिना अधूरी है

आयें है महान कवि हमारे भारत देश में कई , और आयेंगे आगे भी अभी,मगर एक महान कवि बनने के लिए जो नाम कमा गए उनके पद चिन्हों पर चलना बेहद जरूरी है

कविता चाहे वीर रस हो या श्रृंगार रस, या फिर प्रेम रस, बस हर रस के लिए शब्द रस को समझना जरूरी है

है ये मेरी रचना आपसे कुछ विचार्रों के आदान प्रदान के लिए, जो की आपके शब्दों के आगमन के बिना अधूरी है

Friday, December 10, 2010

सूरज की हर किरण

सूरज की हर किरण एक आशा होती है
हर नयी किरण से ही तो सबकी नयी सोच शुरू होती है
सपनो की हर झलक एक मंजिल होती है
हर नयी मंजिल से ही तो सबकी नयी उड़ान शुरू होती है
जरूरतों की हर दिशा एक चाह होती है
हर नयी चाह से ही तो अविष्कारों की प्रेरणा शुरू होती हैं
प्रेम की हर लय से सुख की बरसात होती है
हर सुख से ही तो ज़िन्दगी की नयी शुरुआत होती है

4 comments:

  1. Minty - Aapki kavitaon me subah ki hawa ki tarah ek taajagi hai.. aapne such hi likha.. sooraj ki her kiran ek aasha hoti hai.. main bhi asha karta hun ki is site ke maadhyam se hume aapki aisi aur bhi bahut si kavitayien padhne ko milti rahe.. keep up the good work

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  2. BAHUT ACCHA LIKHTI HAI AAP....

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