कई सवालों से भरी ये जिंदगी आखिर क्या खोजती हैं ?
अंधेरों और उजालों से भरी ये जीवन की डगर आखिर किसे ढूँढती हैं ?
क्यूँ ये आँखे कुछ खोने पर छलछला उठती हैं ?
क्यूँ ये आरज़ू मुश्किल डगर पर डगमगा उठती हैं ?
शायद ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब जिंदगी अंत तक ढूँढती हैं
और कुछ इसी तरह जिंदगी की हर डगर इक सवाल हमसे करती हैं ...
अंधेरों और उजालों से भरी ये जीवन की डगर आखिर किसे ढूँढती हैं ?
क्यूँ ये आँखे कुछ खोने पर छलछला उठती हैं ?
क्यूँ ये आरज़ू मुश्किल डगर पर डगमगा उठती हैं ?
शायद ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब जिंदगी अंत तक ढूँढती हैं
और कुछ इसी तरह जिंदगी की हर डगर इक सवाल हमसे करती हैं ...