विचार्रों का आदान प्रदान

शब्दों के चक्रव्यूह को समझना एक कवि के लिए कुछ इस तरह से जरूरी है, की हर कविता कुछ वादों, इरादों और शब्दों के सुर ताल के मिश्रण के बिना अधूरी है

आयें है महान कवि हमारे भारत देश में कई , और आयेंगे आगे भी अभी,मगर एक महान कवि बनने के लिए जो नाम कमा गए उनके पद चिन्हों पर चलना बेहद जरूरी है

कविता चाहे वीर रस हो या श्रृंगार रस, या फिर प्रेम रस, बस हर रस के लिए शब्द रस को समझना जरूरी है

है ये मेरी रचना आपसे कुछ विचार्रों के आदान प्रदान के लिए, जो की आपके शब्दों के आगमन के बिना अधूरी है

Sunday, May 22, 2011

परदेस

वो पूछते हैं हमसे, क्यूँ जाते हो तुम परदेस
हम  कहते उनसे, अपनी  जिंदगी मैं रंग भरने जाते हैं हम परदेस
वो पूछते हैं हमसे , रंगों भरी दुनिया कैसी लगती हैं अब तुम्हे
हम कहते हैं उनसे अपने देश की सूरज की किरण और रात की चांदनी ज्यादा रंगीन लगती हैं अब हमें...

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