विचार्रों का आदान प्रदान

शब्दों के चक्रव्यूह को समझना एक कवि के लिए कुछ इस तरह से जरूरी है, की हर कविता कुछ वादों, इरादों और शब्दों के सुर ताल के मिश्रण के बिना अधूरी है

आयें है महान कवि हमारे भारत देश में कई , और आयेंगे आगे भी अभी,मगर एक महान कवि बनने के लिए जो नाम कमा गए उनके पद चिन्हों पर चलना बेहद जरूरी है

कविता चाहे वीर रस हो या श्रृंगार रस, या फिर प्रेम रस, बस हर रस के लिए शब्द रस को समझना जरूरी है

है ये मेरी रचना आपसे कुछ विचार्रों के आदान प्रदान के लिए, जो की आपके शब्दों के आगमन के बिना अधूरी है

Wednesday, February 2, 2011

Specially for those who knows the true meaning of love...... Happy 14th feb.

तुम हो तो .................

तुम हो तो मेरी बाहों में दूना बल है
तुम हो तो प्यार मेरा आज संबल है
तुम हो तो कोई चढ़ता तूफ़ान करेगा क्या मेरा
मेरे नावी को प्यार मेरा आज संबल है
तुम हो तो धड़कन का सहारा करेगा क्या मेरा
दिल तो मेरा तुम्हारी ही धड़कन पर निर्भर हैं
तुम हो तो पतझड़ का मौसम करेगा क्या मेरा
तुम्हारे छूने पर ही तो सावन मेरा निर्भर है
तुम हो तो काँटों भरा रास्ता करेगा क्या मेरा
तुम्हारा साथ ही तो मेरा हासिल है
तुम हो तो मौत का भय करेगा क्या मेरा
तुमसे पहले मौत आने पर ही तो प्रेम मेरा सफल है

पूनम 

No comments:

Post a Comment